जानकी रमण मंदिर की बेशकीमती सत्रह एकड जमीन मे हेरा फैरी कर पुजारी ने कराई अपने नाम

दीपक शर्मा

पन्ना ८ जुलाई ;अभी तक; जिले मे मंदिरो की संपत्तियों पर अवैध रूप से भू माफियाओं तथा पुजारीयों द्वारा दस्तावेजो मे हेरा फैरी करके अपने नाम कराकर बकायदा उपयोग किया जा रहा है। जबकी इस संबंध मे स्थानीय लोगो द्वारा जिला प्रशासन से अनेको बार आवेदन देकर मंदिरो की संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा जमाने वालो के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई है। लेकिन प्रशासन के अधिकारीयों द्वारा संबंधितो को लगातार संरक्षण दिया जा रहा है तथा उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की जा रही है।

जिले मे अनेक मंदिर है जिनके नाम पर जमीने तथा अन्य संपत्तीया दर्ज थी लेकिन उक्त संपत्तीयों पर धीरे धीरे लोगो द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इसी प्रकार का मामला गुनौर तहसील अन्तर्गत ग्राम सोहगी पगरा का प्रकाश मे आया है। जहां पर 73 वर्ष पुराना श्री जानकी रमण भगवान का मंदिर है। यह मंदिर राजस्व रिकार्ड मे मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज है तथा उक्त मंदिर आस पास के ग्रामो के लोगो का आस्था का केन्द्र रहा है। उक्त मंदिर मे ग्राम वासीयो तथा तामीर करता ने भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी और संवत् 2007 मे दान पत्र द्वारा लगभग 14 एकड कृषी भूमि भगवान जानकी रमण मंदिर के लिए दान की गई थी तथा मंदिर संचालन के लिए ग्रामीणो की प्रबंध कमेटी बनाई गई थी।

                                  उक्त कमेटी द्वारा उक्त मंदिर का प्रबंध एवं संचालन किया जा रहा था। इसी दौरान लगभग 20 वर्ष तक मंदिर के पुजारी रहें प्यारे लाल बिदुआ ने मंदिर कमेटी से कुछ राशि उधार ली गई थी। जिसके बदले मे उनके द्वारा मंदिर को तीन एकड कृषी भूमि दे दी गई थी, इस तरह मंदिर की मूर्ती के नाम लगभग 17 एकड भूमि हो गई थी तथा मंदिर आर्थिक रूप से संमृद्ध हो गया था। क्योकि मंदिर की उक्त कृषी भूमि से प्राप्त होने वाली आये को आम लोगो को उधार देकर मंदिर की आये बढाई जा रही थी।

इसी दौरान सर्वहाराकार लल्लू प्रसाद बिदुआ रहे तथा पुजारी प्यारे लाल की मृत्यु के बाद कमेटी द्वारा गोपाल कुपरहा को पुजारी बना दिया गया था। कमेटी के सभी सदस्यो की मृत्यु उपरांत जानकी प्रसाद सर्वहाराकार मंदिर के बन गये थे। जिनके द्वारा मंदिर की संपत्ति हडपने का षडयंत्र रचा तथा उक्त जमीन धोखा धडी करके रहस्यमय तरीके से अपने नाम दर्ज करा ली। इसके पश्चात् जानकी प्रसाद द्वारा उक्त जमीन को अपने पुत्र विष्णु बिदुआ के नाम वसीहत के आधार पर करा दी गई। तत्पश्चात् सर्वहाराकार द्वारा वर्ष 2014-15 मे पिता की मृत्यु के बाद अपने नाम करा ली। इस संबंध में स्थानीय लोगो को जानकारी लगी तो स्थानीय लोगो द्वारा उक्त मामले को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की गई एवं मंदिर की संपत्ती एवं जमीन को अवैघ कब्जा से मुक्त कराने की मांग की गई। लेकिन वर्षो बीत जाने के बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारीयों द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। उल्टा तत्कालीन तहसीलदार द्वारा नामांत्रण भी संबंधित के नाम रहस्यमय ढंग से कर दिया गया। उक्त मामले को लेकर स्थानीय लोगो ने दस्तावेजो के आधार पर मामले को माननीय उच्च न्यायालय मे रिटपिटीशन क्रमांक 12612/2021 दायर की गई। जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा कलेक्टर पन्ना को दो माह के अन्दर निराकरण करने का आदेश दिया था। लेकिन लगभग 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज दिनांक तक कलेक्टर द्वारा उक्त मामले का निराकरण नही किया गया।

स्थानीय लोगो ने तथा हिन्दुवादी संगठन, बजरगंदल एवं विश्व हिन्दु परिषद के द्वारा भी कलेक्टर को ज्ञापन को माध्यम से कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया। लेकिन कलेक्टर को दिये गये आवेदन सिर्फ एसडीएम कार्यालय तक ही पंहुचते रहें। स्थानीय लोगो एवं बजरंगदल तथा विश्व हिन्दु संगठन के द्वारा बताया गया कि यदि जल्दही प्रकरण का निराकरण नही किया गया तो बारह जुलाई से मामले को लेकर अनशन प्रारंभ किया जायेगा। उक्त मामले की जानकारी विश्व हिन्दु परिषद के अध्यक्ष राम चन्द्र गुप्ता तथा श्री जानकी सेवा समिति के सचिव एस कुमार चनपुरिया ने दी है।