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गच्छाधिपति आचार्य श्री अभय देव सूरीश्वरजी मसा का मंदसौर में मंगल प्रवेश
महावीर अग्रवाल
मंदसौर ३० मई ;अभी तक; तपागच्छीय प्रवर समिति कार्यवाहक पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री अभयदेव सूरीश्वर जी म.सा. एवं उनके शिष्य रत्न मार्गदर्शक प.पू. आचार्य भगवंत श्री विजय मोक्ष रत्न सुरीश्वर म.सा. आदि श्रमण-श्रमणी वृंद का आज मंदसौर नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री की समैया आज श्रेयांश नाथ मंदिर से शुरू हुई जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई नई आबादी स्थित आराधना भवन जैन मंदिर पहुंची। मंगल प्रवेश के दौरान जगह-जगह समाजजनों ने आचार्य श्री का गहुलिया कर स्वागत किया।
आराधना भवन में आयोजित धर्मसभा में आचार्य श्री अभयदेव सागर जी मसा ने कहा कि पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां पर धर्म की आराधना होती है। यहा पर ही लोग धर्म की आराधना करते है और साधना करते हैं। मनुष्य को शांति के लिये धर्म की साधना-आराधना करनी चाहिए। आत्मा के लिए काम करना चाहिए। दुनिया स्वार्थ भावना से भरी पड़ी हैं। हर तरह की परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिये व्यक्ति का चरित्र होना जरूरी हैं। व्यक्ति साधु भले न बने लेकिन उसे साधु बनने का प्रयास तो करना ही चाहिए। आचार्य श्री ने कहा कि व्यक्ति अपना पूरा जीवन जिस घर में गुजारता है मरने के बाद संसार का नियम है कि उसके घर वाले उसे ४ घंटे भी घर में नहीं रखते हैं। व्यक्ति को दिल और दिमाग से समन्वय बना कर काम करना चाहिए। भक्ति के लिए अंदर का भाव होना बहुत जरूरी हैं। मंदिर कितने भी बन जाये लेकिन वहां पर जाने वाले भक्ति भाव से मंदिर में जाकर भगवान की भक्ति करेंगे तो ही जीवन का आनंद आयेगा। हर व्यक्ति को अपना समय कम से कम एक दो घंटा मंदिर में बिताना ही चाहिए। आज आराधना भवन श्री संघ द्वारा आचार्य श्री की अगवानी की गई।
कल भी आचार्य श्री की मंदसौर आराधना भवन में स्थिरता रहेगी।कल आचार्य श्री के विशेष प्रवचन सुबह ९ बजे से १० बजे तक आराधना भवन नई आबादी में होंगे।