नाबालिक बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य का प्रयत्न करने वाले आरोपी को हुआ 10 वर्ष का सश्रम कारावास

विधिक संवाददाता
इंदौर २९ जुलाई ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 27.07.2023 को माननीय न्यायालय – श्री निलेश यादव, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) देपालपुर जिला इंदौर ने थाना देपालपुर, जिला इंदौर के विशेष प्रकरण क्रमांक 14/2022 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी देवनारायण पिता गब्बु सिंह आयु 37 वर्ष, निवासी बछौड़ा जिला इंदौर को धारा 3/18 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष सश्रम कारावास 377/511 भा.दं.वि. में 5 वर्ष  का सश्रम कारावास एवं धारा 363 भा. दं. वि. में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 9000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री शिवनाथसिंह मावई द्वारा की गई।
नोट – न्यायालय द्वारा पीडित को 25000/- रुपये प्रतिकर स्वरूप दिलवाये जाने की अनुशंसा की गयी है। घटना इस प्रकार है कि दिनांक 23.12.17 को फरियादी ने अपने बालक/पीड़ित के साथ थाना आकर सूचना दी कि सुबह करीबन 11:30 बजे उसका बालक घर के सामने गार्डन में खेल रहा था, तभी देखा कि उसका बालक नजर नहीं आया तो वह व उसकी पत्नी बालक को ढूंढने लगे, तभी अस्पताल के पीछे तरफ से बालक रोता हुआ आ रहा था एवं उसके पीछे एक आदमी दौड़ता हुआ आ रहा था। बालक ने बताया कि उस व्यक्ति ने मुझे। बहला-फुसलाकर जबरदस्ती गार्डन अस्पताल के पीछे जंगल में ले गया, वहाँ पर मेरी पेंट उतारकर जबरदस्ती गलत काम करने की कोशिश करने लगा में हाथ छुड़ाकर भाग आया। वहाँ पर उपस्थित व्यक्तियों ने और मैंने उस व्यक्ति को पकड़ने की कोशिश की तो यह व्यक्ति अस्पताल से पीछे की ओर से भाग गया। वहाँ पर उपस्थित लोगों से उसने उस व्यक्ति का नाम-पता पूछा तो उसे उसका नाम देवनारायण पिता गब्बू कलोता का होना बताया।
                 फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपी के विरुद्ध अपराध 190/17 अंतर्गत धारा 363, 366, 377 व 511 एवं धारा 3/18 व 9 (एम)/10 पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया, जिस पर से आरोपी को उक्त सजा सुनायी गयी।