प्रदेश

आदिगुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली ओंकार पर्वत पर उनकी 108 फीट ऊंची बहुधातु प्रतिमा का लोककार्पण करेगें पीएम

मयंक शर्मा

खंडवा १० सितम्बर ;अभी तक;  आगामी 18 सितम्बर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर शनिवार को कलेक्टर अनूप कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने पुलिस कन्ट्रोल रूम ओंकारेश्वर में आज शनिवार को राजस्व, नगर परिषद, पुलिस एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों की बैठक ली।

                    ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर आदिगुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली होने से यहां ओंकार पर्वत पर उनकी 108 फीट ऊंची बहुधातु की एकात्मता की प्रतिमा का निर्माण चल रहा है।
                             प्रतिमा का लोकार्पण 18 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों प्रस्तावित है। निर्माण कार्य भी लगभग पूर्ण होने है।
                             ओंकारेश्वर के दूसरे टापू पर स्थित जैन तीर्थंकरों की मोक्षभूमि सिद्धवरकूट में तीन दिवसीय संत समागम के संकेत है।  इसमें देश भर के संत-सन्यासी, महंत, आचार्य, प्रमुख कथावाचक, अखाड़ा प्रमुख, महामंडलेश्वर और चारों पीठों के शंकराचार्य शामिल होंगे। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास संस्कृति विभाग की ओर से पांच हजार से अधिक आचार्य, महंत और संतों को आमंत्रण भेजा है। यह आयोजन 15 से 19 सितंबर के बीच होगा।
प्रतिमा का कार्य पूर्ण करने की समय सीमा पहले 31 अगस्त थी। इसे अब पांच सितंबर तय किया गया था, लेकिन अभी फिनिशन कार्य बाकी होने से समय सीमा को लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। इसके चलते प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर तैयारिया जारी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने बुधवार को ट्विटर पर कहा कि मध्यप्रदेश के लिए ये ऐतिहासिक क्षण हैं।आदि शंकराचार्य जी की अलौकिक प्रतिमा अपने भव्य स्वरूप में प्रकट होने जा रही है। शंकरावतरण सनातन संस्कृति के सतत् जागरण का प्रतीक है। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम विश्व बंधुत्व एवं एकात्मता के लोकव्यापीकरण की वैश्विक प्रेरणा बनेगा…

ओंकार पर्वत को काटकर 28 एकड़ जमीन पर एकात्म धाम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा होगी। 54 फीट का आधार स्तंभ तैयार किया गया है।लगभग दो हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट शेष हिस्सों का काम दिसंबर 2024 तक पूरा होगा। आदि गुरु शंकराचार्य ने भारत की तीन बार परिक्रमा की। उन्होंने दुनिया को अद्वैत वेदांत का सिद्धांत दिया। इस एकात्म धाम में आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन दर्शन को बताने वाला संग्रहालय, अद्वैत वेदांत सिद्धांत के अध्ययन के लिए संस्थान भी होगा। आदि शंकराचार्य की प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ वननेस नाम दिया गया है। यहां प्रशिक्षण एवं सूचना केंद्र, अभय घाट, संन्यास और गुफा मंदिर सहित 35 हजार पेड़ों का वन विहार भी होगा।

शनिवार की बैठक में बताया कि ओंकारेश्वर में पुराने बस स्टेण्ड से आगे किसी भी प्रकार के वाहन को जाने नहीं दिया जायेगा, केवल ईमरजेंसी वाहन फायर ब्रिगेड एवं एम्बूलेंस जैसे वाहनों को प्रवेश दिया जायेगा। बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही पार्किंग सुनिश्चित करने के निर्देश पुलिस एवं नगर पालिक के अधिकारियों को दिए। बैठक पश्चात उन्होंने शहर के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया, इस दौरान उन्होंने शहर में साफ सफाई को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान सीएमओ को निर्देश दिए कि आगामी कार्यक्रम को देखते हुए शहर की साफ सफाई व्यवस्था सुदृढ़ की जायें। कलेक्टर श्री सिंह ने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के संचालकों एवं दुकानदारों से अपील की कि वे अपने शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठायें, ।

एकात्म धाम के कार्यक्रम में ओंकारेश्वर शहर की छवि  बने इसके लिये  व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानदारों को समझाइश दी जायेगी, इसके बाद पुनरावृत्ति करने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि ओंकारेश्वर शहर में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। सभी सीवरेज प्लांट आगामी 12 सितम्बर तक संचालन की स्थिति में आ जायेंगे।

 


Related Articles

Back to top button