जिले में मनमाने ढंग से चल रहे निजी विद्यालय लुट रहे अभीभावक, शासन के नियमो की धज्जियां उडाते हुए चल रहा गोरखधंधा
दीपक शर्मा
पन्ना २९ जुलाई ;अभी तक; पन्ना जिले में संचालित निजी विद्यालय शासन के नियम कानूनो को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से चालित किये जा रहें है। जहां एक ओर आठवीं तक की मान्यता लेकर बारहवीं तक की कक्षाए चला रहें है। वहीं दूसरी ओर संबंधित विद्यालयों मे शासन के माप दण्ड अनुसार भवन, पुस्तकालय, खेल मैदान, बैठक व्यवस्था सहित अन्य प्रकार की औपचारिकताए तक पूर्ण नही की जा रही है।
वहीं दूसरी ओर उक्त विद्यालयों मे छात्र छात्राओं से मनमानी फीस वसूली जा रही है तथा पुस्तकें, टाई बेल्ट सहित अन्य सामग्रीयां भी वितरित की जा रही है। जिनकें दाम बजार से दस गुना है, कुछ विद्यालयों द्वारा निश्चित दुकानो से ड्रेस, टाई, बेल्ट, पुस्तकें बिचवाकर मनमाना कमीशन लिया जा रहा है। जबकी सरकार द्वारा सभी जिला कलेक्टरो तथा शिक्षा अधिकारीयें को निर्देश जारी किये गये है कि कोई भी विद्यालय निर्धारित मापदण्ड के बिना संचालित नही किया जाये। प्रत्येक वर्ष जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से विद्यालयों को माप दण्ड देखकर मान्यता जारी की जाती है। लेकिन शिक्षा अधिकारी कार्यालय में साठ गाठ कर मनमाने ढंग से निजी विद्यालयों द्वारा मान्यता प्राप्त कर ली जाती है तथा धडल्ले से विद्यालय संचालित किये जाते है।
उक्त विद्यालयों द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिला शिक्षा केन्द्र के माध्यम से 25 प्रतिशत गरीब छात्रो के नाम की राशि भी लाखो मे प्राप्त कर ली जाती है। जिला मुख्यालय में अनेक विद्यालय संचालित है जो कक्षा आठवीं तक मान्यता लिये हुए है, लेकिन वह हायर सेकेन्ड्री तक के बच्चो को कक्षाए लगाते है तथा फीस वसूलते है उनके नाम अन्य विद्यालय में लिखवाकर परीक्षा में बैठते है। इस प्रकार का गौरख धंधा निजी विद्यालयों के माध्यम से चल रहा है। जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे जिले में कुछ प्राइवेट विद्यालय ऐसे हैं कि जिनके पास सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है यहां तक की बच्चों को भी जमीन पर बैठा कर पढ़ते हैं और दस्तावेजों में अपने विद्यालय को अव्वल दर्जे का दर्शाते हैं और विद्यालय में बैठने की क्षमता से ज्यादा बच्चों का एडमिशन कर लेते हैं।
इनका कहना हैः-हम व्यवस्था सुधारने की पूरा प्रयास कर रहें है, शासन के माप दण्ड अनुसार ही निजी विद्यालयों का संचालन होगा तथा मान्यता भी उन्ही निजी विद्यालय को दी जायेगी जो शासन के मापदण्ड को पूरा करेंगें।
रवी प्रकाश खरे जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना