प्रदेश

चिकित्सकों का स्वागत करने से नहीं बल्कि कमलनाथ की सरकार में होता था प्रोटोकॉल का उल्लंघन

महावीर अग्रवाल
 मंदसौर २३ जून ;अभी तक;   पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसोदिया द्वारा  सुंदरलाल पटवा मेडिकल कॉलेज में पदस्थ हुए डीन, प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के स्वागत, अभिनंदन को लेकर मंदसौर के विधायक विपिन जैन द्वारा प्रोटोकॉल उल्लंघन की बात कही इसको लेकर पूर्व विधायक श्री सिसोदिया ने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो तब हुआ था जब 15 महीने मध्य प्रदेश में  कमलनाथ जी की सरकार थी उस वक्त में तीसरी बार का विधायक था लेकिन फिर भी ना तो मुझे जिला योजना समिति की बैठक में बुलाया गया था और ना ही मेरे द्वारा स्वीकृत कराए गए निर्माण कार्यों के लोकार्पण में आमंत्रित किया गया था, ना ही निमन्त्रण पत्र और लोकार्पण के पत्थर पर मेरा नाम होता था।   मेडिकल कॉलेज के डीन, प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक का स्वागत करना मेरा नैतिक कर्तव्य था जिसका मैंने पालन किया है यह आयोजन मेडिकल कॉलेज या अस्पताल की तरफ से आयोजित नहीं था जो प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है यह मेरा अपना कार्यक्रम था । इसलिए विधायक पहले प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी ले- ले की कहां प्रोटोकॉल लागू होता है।
                                            पूर्व विधायक श्री सिसोदिया ने कहा कि मंदसौर शहर मेरे रोम- रोम में बसा है यहां के विकास के लिए मैंने वे सारे प्रयास किए हैं जो एक जनप्रतिनिधि की भूमिका में करना चाहिए थे। मंदसौर में  सुंदरलाल पटवा मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है इनके निर्माण से लेकर नामांकन तक मेरी भूमिका थी इसलिये मेरी इच्छा थी कि यहां पदस्थ हुए डीन, प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक जो करीब 35 की संख्या में है उनका स्वागत करूं, अभिनंदन करूं।  वह किस विभाग में पारंगत है, उन्होंने कहां-कहां अपनी सेवाएं दी है यह जानना मेरी अभिरुचि थी ।मैं कोई राजनीति करने के लिए वहां नहीं गया था बल्कि में जनता को यह बताना चाहता था की मंदसौर के जिला चिकित्सालय में अब इतने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिलेगी, मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को भी यह विशेषज्ञ चिकित्सक पढ़ाएंगे। इसलिए मेरा मन कह रहा था उनका स्वागत करूं।  लेकिन मुझे दुःख हुआ कि विधायक विपिन जैन ने अपनी प्रतिक्रिया में इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया, मंदसौर के चिकित्सकों की शिकायत करने की  बात कही ।
श्री सिसोदिया ने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो तब होता जब अधिकारी या चिकित्सक निमंत्रण पत्र छपवाते, मंच बनाते और और उस आयोजन में सिर्फ मुझे ही बुलाते। यह उनकी इच्छा नहीं थी बल्कि मेरी इच्छा थी इसलिए यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं है। प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो तब होता था जब प्रदेश में कमलनाथ जी की सरकार थी और मैं तीसरी बार के विधायक की भूमिका में था लेकिन जिला योजना समिति की बैठक में मुझे नहीं बुलाया जाता था मेरे द्वारा स्वीकृत किए गए निर्माण कार्यों के लोकार्पण में मुझे नहीं बुलाया जाता था, कार्ड में मेरा नाम नहीं छपवाया जाता था, लोकार्पण के पत्थरों पर भी मेरा नाम नहीं लिखा जाता था।
                                          आपने कहा कि राजनीति में किसी की लंबी लाइन को मिटाने की मानसिकता नहीं होना चाहिए मुझे आश्चर्य हुआ कि आपको अब तक प्रोटोकॉल के बारे में  जानकारी नहीं मिल पा रही है। यदि आप स्वयं मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का स्वागत करने के लिए जाते तो मैं ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देता ।खुला मंच था कोई भी जाकर इन चिकित्सकों का स्वागत सम्मान कर सकता था लेकिन मैंने कर दिया तो गुनाह कर दिया, अपराधी बन गया। अपने अपने वक्तव्य में इस आयोजन को बैठक की संज्ञा दी है जबकि अब बैठक नहीं थी सौजन्य भेट थी । इसलिए विधायक  अपनी टिप्पणी के माध्यम से, अपने वक्तव्य के माध्यम से जनता को भ्रमित करने का प्रयास ना करे।

 

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