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कृषि उपजमंडी की 28 गोदाम की लीज निरस्ती और पुनः आवंटन के मामले में ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज 

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २५ दिसंबर ;अभी तक;  कृषि उपज मंडी समिति मंदसौर ने 28 ऐसी फार्मो के भूखंडों के लीज निरस्ती की कार्रवाई की थी जो करीब 7-8 वर्षों से या तो कारोबार नहीं कर रही या दिखावटी कारोबार कर रही थी  । बंद पड़ी फर्मो ने मंडी समिति के भूखंडों पर वर्षों से कब्जा जमा रखा था । जिसका फायदा वास्तविक व्यापारियों को नहीं मिल रहा था । मंडी समिति ने 28 भूखंडों की लीज निरस्त की, इसके बाद व्यापारियों ने अपर संचालक से सांठगांठ कर उनके साथ बड़ा लेनदेन कर मंडी सचिव के आदेश पर रोक लगवाकर पुनः एकल आदेश से  भूखंडों पर कब्जा कर लिया । अगर यही भूखंड पुनः नीलाम होते तो मंडी समिति को बड़ा राजस्व प्राप्त होता ।
दिनांक 10/11/2022 को कृषि उपजमंडी समिति ने 28 दुकानों/गोदाम आवंटन निरस्त किए गए थे । मंडी समिति के तत्कालीन सचिव एवं भारसाधक अधिकारी ने 28 गोदामो की लीज निरस्त करने के पीछे अलग-अलग कारण बताए थे । किंतु जिन व्यापारियों के गोदाम की लीज निरस्त हुई थी उन्होंने इसकी अपील मध्यप्रदेश कृषि विपनन बोर्ड भोपाल में की थी ।
                             अपील की सुनवाई करते हुए चंद्रशेखर वशिष्ठ उप संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल ने दिनांक 11/11/2022 को एकल आदेश से सभी 28 गोदामो की लीज पुनः बहाल कर दी थी ।
                                उप संचालक के आदेश के बाद पुनः दिनांक 17/11/2022 को मंडी सचिव कृषि उपजमंडी मंदसौर ने भारसाधक अधिकारी के अनुमोदन से एक पत्र प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल को भेजकर इस एकल आदेश पर पुनर्विचार करने हेतु लिखा था । किंतु इस पर पुनर्विचार नही हुआ ।
                                इस पूरे प्रकरण की शिकायत मन्दसौर के पत्रकार नरेंद्र धनोतिया ने राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) के महानिदेशक के समक्ष करी । जिस पर ईओडब्ल्यू ने जांच प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है । इस मामले में स्वयं तत्कालीन मंडी सचिव और भारसाधक अधिकारी ने शासन को भेजे एक पत्र में ये स्वीकार किया था उप संचालक के आदेश पर अगर पुर्नविचार होता है और ये निर्णय मंडी समिति कब पक्ष में होता है तो इससे मंडी समिति को लगभग 18 से 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी तथा जरूरतमंद व्यापारियों को गोदाम आवंटन हो सकेंगे ।

 


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