चालीस लाख की राशि खर्च होने के बावजूद खंडहर बना भवन, कमीशन लेकर जिम्मेवार अधिकारी भूलें

दीपक शर्मा

पन्ना 30 मार्च अभीतक

जिले में भ्रष्टाचार चरमसीमा पर चल रहा है। जिले के अधिकारी निर्माण कार्यो में सिर्फ कमीशन लेकर निर्माण तथा विकास कार्य किस उपयोग के लिए किया जा रहा है। उसकी साथरकता से कोई लेना देना नहीं है। सिर्फ निर्माण कार्य के नाम से ठेकेदारो से साठ गाठ कर कमीशन खाना है। इसी प्रकार का मामला प्रकाश में आया है। कलेक्टर बंगला के चन्द कदम की दूरी पर पुराना शासकीय आवास बना हुआ था। जिसका निर्माण पूर्व में 1954 में किया गया था, उक्त भवन में अनेक अधिकारी निवास करतें रहें। कुछ दिन पूर्व उक्त भवन का फिर से मरम्मतीय करण का कार्य कराया गया तथा लगभग 40 लाख की राशि खर्च की गई।

पूर्व में उक्त भवन में विश्व का डायमंड म्यूजियम बनाया जाना था लेकिन नही बनाया गया तथा वर्तमान मेंं उक्त भवन में कार्यालय जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद लिखा हुआ है। लेकिन वहां पर कोई नही रहता है, भवन फिर से खंडहर में तब्दील होने लगा है। चोरो तथा कवाडीयों द्वारा खिडकी दरबाजे भी तोडे जा सकते है, क्योकि कोई देखने वाला नही हैं, दरबाजे खुले हुए डलें है। यदि उक्त भवन में कोई कार्यालय संचालित नही है तो किसी शासकीय अधिकारी के नाम आवास के लिए दे दिया जाये तो भी उचित रहेगा। लेकिन अभी तक वहां पर कोई नही रह रहा हैं। भवन की मरम्मतीय करण में भारी भरकम राशि खर्च की गई तथा अधिकारीयों द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कमीशन खा कर छोड दिया गया है।