लैण्ड यूज मैप तथा डेवलपमेंट डॉफट तैयार हुआ तो नहीं बदल सकते भूमि का मद, एकलपीठ का फैसले को किया खारिज
सिद्धार्थ पांडेय
जबलपुर ८ अप्रैल ;अभी तक; भेडाघाट विकास योजना का लैण्ड यूज मैप तथा डेवलपपेंट डॉफट तैयार होने के बावजूद भी हाईकोर्ट की एकलपीठ ने भूमि मद परिवर्तित किये जाने के आदेष जारी किये थे। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दायर की थी। जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्अिस अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने एकलपीठ के आदेष को खारिज करते हुए अपने आदेष में कहा है कि विकास योजना के तहत चयनीत किये गये क्षेत्र का लैण्ड यूज मैप तथा डेवलपमेंट डॉफट तैयार होने के बाद भूमि पद परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
राज्य सरकार की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि भेडाघाट पर्यटन तथा पर्यावरण की दृष्टि से महत्तपूर्ण स्थान है। क्षेत्र को विकसीत करते के लिए भेडाघाट विकास योजना के तहत विषेष क्षेत्र को चयनीत किया गया था। कानूनी प्रक्रिया का पालन करने हुए चयनीत क्षेत्र का लैण्ड यूज मैप तथा डेवलपमेंट डॉफट तैयार किया गया था। अनावेदक ने चयनीत क्षेत्र की एक जमीन कृषि खरीदने का एग्रीमेंट भूमि स्वामी से किया था। इसके बाद भूमि स्वामी तथा एग्रीमेंट करने वाले अनावेदक व्यक्ति ने टीएण्डसी में भूमि मद कृषि से आवासीय करने आवेदन दिया था। आवेदन खारिज होने के बाद सक्षम प्रधिकरणों में अपील दायर की थी। अपील खारिज होने के बादद एग्रींमेंट करने वाले अनावेदक ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने उसके पक्ष में आदेष पारित किया था। भूमि मालिक के आवेदन पर संभागायुक्त ने पुन सुनवाई के निर्देष दिये थे।
एकलपीठ के उक्त आदेष के खिलाफ उक्त अपील दायर की गयी है। षासन की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सुयष ठाकुर ने युगलपीठ को बताया कि विकाय योजना के तहत भूमि मद परिवर्तित करने का अधिकार टीएंडसी के डायरेक्टर को है। भूमि विकास अधिनियम चयनीत क्षेत्र के लिए लागू नहीं होता है। कानून प्रक्रिया के तहत लैण्ड यूज मैप तथा डेवलपमेंट डॉफट तैयार कर लिया गया है। ऐसी स्थित में भूमि पद परिवर्तित करने का आदेष अवैधानिक है। युगलपीठ ने सरकार की अपील स्वीकार करते हुए एकलपीठ के आदेष को निरस्त कर दिया। युगलपीठ ने भूमि मालिक की तरफ से दायर याचिका को भी खारिज कर दिया।