लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बालाघाट के कार्यपालन यंत्री अरुण श्रीवास्तव निलंबित, भोपाल अटैच
आनंद ताम्रकार
बालाघाट एक जून ;अभी तक; प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बालाघाट के कार्यपालन यंत्री अरुण श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परिक्षेत्र भोपाल अटैच कर दिया गया है।
उनके विरूद्ध 132 करोड़ रुपये की लागत वाली लालबर्रा समूह जल प्रदाय योजना के साधारण कार्य में बिना निविदा आमंत्रण किये कार्य कराने और बडी राशि का अनियमित भुगतान करने की शिकायत की गई थी। जिसकी जांच में उनके विरूद्ध वित्तीय अनियमितता और अनुशासन हीनता का दोषी पाते हुये मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 6 के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की उपसचिव सज्जना जैन द्वारा उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी किया गया।
अधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले की जांच कर रहे अधिकारी को अरुण श्रीवास्तव द्वारा धमकाने का भी आरोप लगा है। जिसकी जांच की जा रही है।
अरुण श्रीवास्तव के विरूद्ध बालाघाट में 400 सिंगल टेंडरों में गोलमाल करने की जांच चल रही है।इसकी जांच करने वाले प्रमुख अभियंता संजय कुमार अंधमान को प्रकरण में चुप रहने अन्यथा जान से मारने की धमकी किसी अन्य के द्वारा दिलवाई गयी।
गंभीर अनियमितता करने और करोड़ों रुपये का घोटाला करने के इस मामले को बैहर क्षेत्र के विधायक संजय उइके ने विधानसभा में उठाया था। उन्होंने पिछले बजट सत्र में विधानसभा में प्रश्न क्रमांक 2285 के माध्यम से लालबर्रा समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत में लगाए गए श्रमिकों के संबंध में जानकारी मांगी थी जिसमें उन्होंने वर्ष 2020 फरवरी 2023 तक इस योजना के तहत किसी कार्य योजना अथवा कार्य के लिये कितने श्रमिक लगाए गये।
उक्त कार्य में श्रमिकों को लेने के लिये कोई निविदा आमंत्रित की गई थी। और अगर निविदा आमंत्रित की गई थी तो वह किस आधार पर की गई थी। विधायक उइके द्वारा पूछे गये इन प्रश्नों का अरुण श्रीवास्तव द्वारा उचित जवाब पेश नही किया गया।
अरुण श्रीवास्तव द्वारा विधानसभा शाखा को दूरभाष पर यह बताया गया की लगभग 325 श्रमिक लालबर्रा समूह जल प्रदाय योजना में प्रतिदिन कोटेशन पर लगाये जाते है। उनकी प्रतिदिन स्वीकृति दी जाती है। यह प्रक्रिया वर्ष 2020 से चल रही है। इसके लिये कोई भी निविदा आमंत्रित नही की गई।शासन द्वारा इस प्रथम दृष्टया गंभीर आर्थिक अनियमितता माना गया है।
इस मामले के जांच अधिकारी एवं स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अभियंता संजय कुमार अंधमान ने स्वीकार किया की उन्हें लगभग देड माह पूर्व किसी व्यक्ति के द्वारा इस मामले में चुप रहने की धमकी दी गई थी उन्होने यह भी कहा की इस संबंध में उनके द्वारा शासन को प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है।
कार्यपालन यंत्री अरूण कुमार श्रीवास्तव को निलम्बित कर देने के बाद उनके स्थान पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया खण्ड के कार्यपालन यंत्री बी.एल.उइके की पदस्थापना की गई है। उन्होंने कल अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
श्री संजय उइके विधायक ने अवगत कराया की उनके द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में लालबर्रा समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत प्रश्न पूछ कर जानकारी मांगी गई थी जिसका उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उनकी शिकायत के तारतम्य में की गई जांच पश्चात संधारण कार्य में करोडो रुपये का घोटाला प्रकाश में आया है। इसके अलावा उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के और भी अन्य मामले उनके संज्ञान में आये है।