बक्सवाहा मे हीरा खदान के उत्खनन हेतु प्रस्तावित भूमि के लिए डायवर्सन करने का प्रस्ताव खारिज

आनंद ताम्रकार

बालाघाट १० जून ;अभी तक; मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बक्सवाहा मे हीरा खदान के उत्खनन हेतु प्रस्तावित भूमि के लिए डायवर्सन करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है।

                          इस संबंध में याचिकाकर्ता डॉक्टर पीजी नाजपांडे अध्यक्ष नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने अवगत कराया कि बक्सवाहा के वन क्षेत्र में 382.131 हेक्टर भूमि को  हीरा  खनन हेतु परिवर्तित करने का प्रस्ताव केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया है इस आशय का पत्र उप इस्पेक्टर  जनरल सुनीत भारद्वाज ने भोपाल वन मंत्रालय को  16 मार्च 2023 को पत्र द्वारा सन सूचित  किया है।

                               यह प्रस्ताव एस्सेल  माइनिंग इंडस्ट्रीज के हीरा प्रोजेक्ट  हेतु भेजा गया था इस पर केंद्रीय वन सलाहकार समिति ने निर्णय लिया कि प्रोजेक्ट से इस क्षेत्र की प्रकृति तथा पन्ना क्षेत्र की टाइगर हलचल विच्छीन हो सकती है अतः डायमंड प्रोजेक्ट के वर्तमान स्थान तथा राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण की अनुशंसा के मद्देनजर यह प्रोजेक्ट स्वीकार नहीं है।

                              पत्र में एनजीटी में दायर याचिका के संबंध में बताया गया है कि उसे दिनांक 24 जनवरी 2023 को प्रीमेच्योर बताकर खारिज किया गया है पत्र में हाईकोर्ट मैं लंबित याचिका का भी उल्लेख है  यहां उल्लेखनीय है कि बक्सवाहा के वन क्षेत्र से चार लाख पेड़ काटकर हीरा खदान का  विरोध डॉक्टर पीजी नाथ पांडे एवं रजत भार्गव ने एनजीटी में याचिका दायर कर किया था उसे एनजीटी ने खारिज किया उसके बाद पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी गई  .

बक्सवाहा के जंगल में पाए गए 25 हजार वर्ष पुराने रॉक पेंटिंग को बचाने के लिए भी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिस पर हाईकोर्ट ने खनन किए जाने पर स्थगन आदेश जारी किया है