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जिनशासन के कार्यों में दिया गया दान हजार गुना होकर लौट के आता है- मुनि श्री आदित्य सागर जी

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १० जून ;अभी तक;   दिगंबर जैन संत मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ससंघ के कल यश नगर में प्रवास के दौरान वात्सल्य स्कूल परिसर में प्रवचन हुए।
                     डॉ चंदा भरत कोठारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुनि श्री प्रातः 5.15 बजे अभिनंदन नगर से विहार कर पार्श्वनाथ जिनालय पहुंचे जहां जिनेंद्र देव का अभिषेक देखा,फिर यश नगर पहुंचे जहां मुनिसुव्रतनाथ चैत्यालय में मुनि संघ ने दर्शन किए, पश्चात वात्सल्य स्कूल पहुंचे, जहां कॉलोनी वासियों ने उनकी अगवानी की। वहां प्रातः 8.15 से 9.30 बजे तक मुनि श्री के प्रवचन हुए।
                     अपने प्रवचनों में पूज्य आदित्यसागर जी ने कहा जितना छोड़ोगे उतना तिरोगे। भारी वस्तु हमेशा डूबती है, हल्की वस्तु तैरती है। आपने कहा प्रकृति भी त्याग की महिमा बताती है, बादल पानी का त्याग करते हैं, वृक्ष फलों का, व गाय दूध का त्याग करती है।
                       मुनिश्री ने कहा जीवन में यदि धन कमाया तो कुछ नहीं किया, जो आपने दान दिया, धन का त्याग किया वही असली संपत्ति है, क्योंकि जो छोड़ दिया वह संपत्ति, जो पास में है वह विपत्ति। उन्होंने कहा जिन शासन के कार्यों में दिया गया दान हजार गुना होकर लौटकर आता है। दान हमेशा भाव पूर्वक शक्ति अनुसार अवश्य करें। दान करने के बाद पीछे मुड़कर ना देखें। ज्ञानदान, अभय दान, आहार दान और औषध दान, यह चार प्रकार के दान, पात्र लोगों को देने की महिमा बताई गई है।
                        कार्यक्रम में श्री विजेंद्र कुमार सेठी ने भी संबोधित किया। धर्मसभा के प्रारंभ में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्वलन सकल जैन समाज के अध्यक्ष श्री प्रदीप कीमती, पूर्व अध्यक्ष श्री विजेंद्र कुमार सेठी, डॉ आर.डी. जैन, बलजीत सिंह नारंग, राजकुमार बड़जात्या व कमल विनायका ने किया। मंगलाचरण श्रीमती दीपशिखा नीरज जैन ने प्रस्तुत किया। मुनि श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लेने वालों में सर्व श्री पं. विजय कुमार गांधी, नरेश दोषी, डॉ. राजकुमार बाकलीवाल, डॉ. मनसुखलाल गांधी, डॉ. गोविंद छापरवाल, डॉ. प्रदीप चेलावत, मनोहर सोनगरा, सुरेश जैन नंदकिशोर अग्रवाल, राजकुमार गोधा, अजीत बंडी, पवन कुमार अजमेरा, मनीष सेठी, महावीर कोटडीया, राकेश जैन राजेश जैन, अशोक पाटनी, अभय अजमेरा, भरत कोठारी, नेमकुमार गांधी, डॉ कमला जैन, डॉ चंदा कोठारी, डॉ अनुरेखा जैन, विनीता कीमती, सिंपल सेठी आदि शामिल थे। संचालन डॉ. चंदा भरत कोठारी ने किया आभार शांतिलाल बड़जात्या ने माना।
डॉ. कोठारी ने बताया मुनिश्री के आज रविवारीय प्रवचन प्रातः 8.15 बजे से बक्षी धर्मशाला घंटाघर पर होंगे।

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