प्रदेश

बस संचालको की मनमानी दिव्यांगो को किराया में नहीं दी जा रही छूट, महिलाओं के लिए भी सीटों के आरक्षण में बरती जा रही मनमानी

दीपक शर्मा

पन्ना ९ जुलाई ;अभी तक; मध्य प्रदेश शासन द्वारा अनेक वर्गो को शासन के माध्यम से सुविधाए उपलब्ध कराई जाती है तथा बकायदा नियम लागू किये गये है। उसके बावजूद अनेक विभागो द्वारा जारी किये गये नियमो का पालन नही किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर परिवहन विभाग द्वारा दिव्यांगो के लिए मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र तथा कार्ड जारी किये जाते है। जिसमें प्रत्येक बस में दिव्यांगो के लिए पचास प्रतिशत किराये मे छूट का प्रावधान किया गया है तथा बैठने के लिए सीट भी आरक्षित की गई है।

इसी प्रकार महिलाओ के लिए भी सभी बसो मे निर्धारित संख्या के अनुसार सीटे देने का प्रावधान है। लेकिन शासन के नियम के बावजूद अनेक बस संचालको द्वारा मनमानी की जा रही है तथा परिवहन विभाग के नियम कानून को नही माना जा रहा है। इसी प्रकार के मामलें को लेकर अधिमान्य पत्रकार एवं दिव्यांग लक्ष्मी नारायण चिरोलया ने कलेक्टर कार्यालय मे आवेदन देते हुए बताया कि मै दिनांक 30 जून 2024 को पन्ना से सागर विंध्याचल बस सर्विस ओम साईं राम की बस क्र. एम.पी. 15 पी.ए. 2977 सें सागर गया था तो मेरे द्वारा शासन द्वारा जारी दिव्यांग पास दिखाया गया था। लेकिन उक्त बस के कन्डेक्टर द्वारा उक्त पास को न मानते हुए पूरा किराया लिया गया तथा कहा गया कि यह प्रमाण पत्र हम नही मानते।

ज्ञात हो कि उक्त बस सागर से अजयगढ चलती है। आवेदक ने संबंधित बस संचालक के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग जिला कलेक्टर से की है।

इनका कहना हैः-

मध्य प्रदेश शासन परिवहन विभाग के नियम अनुसार दिव्यांग प्रमाण पत्र/कार्ड धारको को बस किराया में पचास प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान है, जिसका पालन करना अनिवार्य है, साथ ही महिलाओ के लिए बैठने की सीटो मे आरक्षण किया गया है, जिसका पालन सभी बस संचालको को करना होगा, जो नही करेगें उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
नन्दी लाल रैकवार परिवहन विभाग पन्ना

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