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*आज हिंदू साम्राज्य दिवस* *अर्थात शिवाजी का राज्याभिषेक*  शिवाजी कट्टर हिंदू थे ना की धर्मनिरपेक्ष

*रमेशचन्द्र चन्द्रे*
     मंदसौर  ५ जून ;अभी तक;     भारतीय कैलेंडर के अनुसार विक्रम संवत 1596 में ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तेरहवीं तिथि तदनुसार 6 जून 1674 को हिंदवी साम्राज्य के अधिष्ठाता छत्रपति शिवाजी महाराज का राज मुकुट पहनाकर   राज्याभिषेक हुआ था”शिवाजी को सात नदियों यमुना, सिंधु, गंगा के पवित्र जल से राज्याभिषेक किया गया था। जिसमें गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा और कावेरी जल  शिवाजी के सिर पर डालते हुए वैदिक  मंत्रों का जाप करते हुए राज्याभिषेक किया गया था। स्नान के बाद शिवाजी ने जीजाबाई को प्रणाम किया। इस राज्‍यअभिषेक समारोह में महाराष्ट्र के रायगढ़ में लगभग पचास हजार लोग एकत्र हुए।
 *राज्याभिषेक के साथ ही एक हिंदू राज्य अस्तित्व में आया*
शिवाजी एक युग के संस्थापक और छत्रपति इसका मतलब संप्रभु होता हैं जिसके वे हकदार थे। उन्‍हें हिंदव धर्मोधारक (हिंदू धर्म के रक्षक) की उपाधि भी मिली थी। मान्‍यता ये भी है कि शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के साथ ही एक हिंदू साम्राज्य अस्तित्व में आया किंतु उनके बारे में भ्रमित करने वाले यह कहते हैं कि शिवाजी कट्टर हिंदू नहीं थे बल्कि उनकी सेना में मुसलमान भी थे जिसमें से अनेकों की उन्होंने कब्र बनाई किंतु यह सच नहीं है यह उनकी युद्ध नीति का एक हिस्सा था इसी प्रकार साम्यवादी भी यह कहते हैं कि शिवाजी महाराज वर्ग संघर्ष के पक्षधर थे क्योंकि उन्होंने जनता और किसानों को जमीदारों के चंगुल से मुक्त कराया किंतु इस प्रकार का भ्रम निर्माण करने वाले शिवाजी की छवि को कलंकित नहीं कर सके।
  शिवाजी हिंदवी साम्राज्य के एकमात्र जनक थे और युद्ध करते समय उनकी स्पष्ट कल्पना थी कि हिंदू साम्राज्य में सभी किलो पर भगवा ध्वज लहराया जावे इसी कारण छत्रपति शिवाजी का राज्‍याभिषेक महाराष्ट्र सहित संपूर्ण देश के लोग बहुत उत्साह और सम्मान के साथ मनाते हैं। यह शिवाजी महाराज के संघर्ष पूर्ण जीवन, एवं उनके गुरु स्वामी रामदास समर्थ द्वारा हिंदू राष्ट्र की स्पष्ट कल्पना के कारण यह दिवस हिंदू राष्ट्र के निर्माण   और योगदान को याद करने का दिवस है जिसे *हिंदू साम्राज्य*
 *दिनोत्सव* नाम से मनाया जाता है

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