पी.जी. कॉलेज में प्राणिकी विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २१ फरवरी ;अभी तक;   राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंदसौर के प्राणिकी विभाग द्वारा आईक्यूएसी अकादमिक उत्कृष्टता गतिविधियों के अंतर्गत * अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस”*  के अवसर पर * कम्युनिकेशन इन एनिमल वर्ल्ड* विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन  दिनांक 21 फरवरी 2024 को किया गया !
                       कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के जन भागीदारी अध्यक्ष नरेश चंदवानी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल.एन. शर्मा, डॉ. प्रहलाद दुबे सेवानिवृत्ति प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय कोटा राजस्थान एवं प्राणिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप सोनगरा ने दीप दीपन कर शुरू किया
                            कार्यक्रम की शुरुआत में जनभागीदारी अध्यक्ष नरेश चंदवानी ने इस व्याख्यान के लिए सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की साथ ही विद्यार्थियों को पशु पक्षियों एवं जीव जगत के संचार को समझने और उनसे जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित किया
                          व्याख्यान के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल.एन. शर्मा द्वारा विद्यार्थियों को इस प्रकार के व्याख्यान में आगे भविष्य में भी  बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया !
                            प्राणिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप सोनगरा ने अतिथियों का स्वागत कर साथ ही इस आयोजन का उद्देश्य भी बताया और कहा कि भाषा संचार का अभिन्न अंग है मनुष्य द्वारा अभिव्यक्ति और संचार मानव जाति के इतिहास के विकास की अद्भुत उपलब्धि है जिसके माध्यम से वह अपने विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता रखते हैं इस विषय में जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है पशु संचारक वह व्यक्ति होता है जिसने किसी पशु पक्षी के विचारों को सुनने, उनकी भावनाओं के साथ सहानुभूति रखने और उनके साथ दयालुता पूर्वक संवाद करने के लिए प्रशिक्षित किया है ताकि यह समझ सके कि वे वास्तव में कैसा महसूस करते हैं।
                                   व्याख्यान के विषय विशेषज्ञ डॉ. प्रहलाद दुबे द्वारा अपने व्याख्यान में यह बताया गया कि अधिकांश पशु पक्षी एक दूसरे के साथ और अन्य प्रजातियों के साथ संवाद करने के लिए स्वरबद्ध ध्वनियों का उपयोग करते हैं। इन संचार करने के तरीकों को विकसित करने में पशु पक्षियों को भी करोड़ों साल लगे मनुष्य और एनिमल दोनों संवाद करने में सक्षम हैं, लेकिन केवल मनुष्य ही भाषा का उपयोग करते हैं । जंगलों में पशु पक्षी कई अलग-अलग तरीकों से संवाद कर सकते हैं साथ ही केवल अपने भावों की अभिव्यक्ति के द्वारा भी आपस में संचार करते हैं
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो. रितु शर्मा ने किया एवं आभार प्रो. सिद्धार्थ बरोडा ने माना। उपरोक्त कार्यक्रम में  एमएससी III SEM कि विद्यार्थी दीक्षा नागर ने भी विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ. शिखा ओझा,प्रो. चीना मिंडा, प्रो. प्रकाश दास,प्रो. कुंदन माली, प्रो. हिमांशी रायगौड़,टेक्नीशियन डॉ. मनीषा कोठारी, श्री अशोक नागौरे, एवं सहायक श्री प्रकाश सिंगोत उपस्थित रहे।