प्रदेश
जिले के संतरा उत्पादक किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गरोठ में संतरे की मंडी खोलने की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भोपाल भेजा
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २३ जुलाई ;अभी तक; कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव द्वारा मन्दसौर जिले के गरोठ में संतरे की मंडी खोलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। गरोठ क्षेत्र संतरे की खेती का प्रमुख केंद्र है।यहां संतरे की मंडी खुल जाती है तो जिले में संतरा उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सकेगाऔर इससे मंडी टेक्स की आय भी बढ़ेगी। यह संतरे की मंडी वही शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जहां वर्तमान में गरोठ में कृषि उपज मंडी है ।
उप संचालक उद्यानिकी विभाग श्री के एस सोलंकी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री एव केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने 11 मई 2023 को अपने गरोठ क्षेत्र के मेलखेड़ा में प्रवास के दौरान गरोठ में संतरे की मंडी खोलने की घोषणा की थी। उस घोषणा की अनुरूप जुलाई 23 में और पुनः 254 जून 2024 को शासन को स्मरण के लिए गरोठ में संतरे की मंडी किसानों को संतरे का उचित मूल्य मिले इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
श्री सोलंकी ने बताया कि गरोठ की 7.506 हेक्टर जमीन पर संतरे की मंडी खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मन्दसौर जिले के मन्दसौर क्षेत्र के 285 हेक्टर में , मल्हारगढ़ क्षेत्र के750 हेक्टर ,सीतामउ क्षेत्र में 1610 हेक्टर , गरोठ क्षेत्र 7500 हेक्टर और भानपुरा क्षेत्र में 6000 हेक्टर क्षेत्र में संतरे की खेती होती है। इस क्षेत्र के संतरे दिल्ली, बंग्लादेश कश्मीर, तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल आंध्र प्रदेश आदि देश के कई भागों में जाते है।
श्री सोलंकी ने बताया कि इस क्षेत्र के संतरा उत्पादक किसानों से व्यापारी सीधे खरीदी कर रहे है।कई बार तो फसल आने से पूर्व या पूरा बगीचा ही व्यापारी खरीद लेते है। इससे संतरा उत्पादक किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नही मिल पाता है। प्रति हेक्टर करीब 10 से 11 टन का उत्पादन होता है। प्रति हेक्टर कोई 2 लाख रु से अधिक की आय होती है जो मंडी शुरू होने से किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि संतरे की मंडी खुल जाने से किसानो को व्यापारियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी। संतरे की बिक्री का एक केंद्र नही होने से किसानों को उचित मूल्य नही मिल सकता है। यह मंडी खुलने से शासन की मंशा के अनुरूप किसानों की आय दुगनी हो सकेगी और इससे मन्दसौर जिले की पहचान भी होगी।
उन्होंने कहा कि गरोठ क्षेत्र में संतरे का उत्पादन अधिक होता है। गरोठ को तो इसका गढ़ कहा जाता है।संतरे की मंडी नही होने से किसान के संपर्क में जो व्यापारी रहते है वही भाव तय कर माल ले जाते है।
श्री सोलंकी ने बताया कि किसानों के लाभ के लिए श्री शिवराजसिंह चौहान की घोषणा को मूर्तरूप देने के लिए गरोठ में संतरे की मंडी खोलने के लिए स्वीकृति के लिये प्रस्ताव अपर सचिव कृषि कल्याण एव कृषि विभाग और प्रबंध संचालक कृषि विकास मंडी बोर्ड भोपल को भेजा गया है।