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लोकतंत्र और संविधान को बचाने ऊर्जा का संयोजन आवश्यक- योगेंद्र यादव

मोहम्मद सईद
शहडोल, 15 अक्टूबर अभी तक। स्वराज इंडिया के संस्थापक और भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ योगेंद्र यादव ने यहां पत्रकारों से चर्चा करते कहा है कि भारत जोड़ो अभियान एक संकल्प है देश के उन तमाम नागरिकों, जन संगठनों और जन आंदोलन का जिन्हें महसूस होता है, कि आज देश में खतरा है। उन्होंने कहा कि खतरा सिर्फ लोकतंत्र को नहीं, खतरा संविधान को और हमारे देश की बुनियाद को है। हम समझते हैं कि इस खतरे का मुकाबला करने के लिए इस देश की जितनी भी ऊर्जा है, उस सब ऊर्जा का संयोजन आवश्यक है।
चंद पूंजी पतियों के कब्जे में देश
डॉ यादव ने कहा कि आज देश को खतरा किसी बाहरी शक्तियों से नहीं बल्कि उन शक्तियों से है, जो लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं का सहारा लेकर देश में सर्वोच्च संस्थानों पर काबिज हुए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस की जो विचारधारा है, उसका जो शिकंजा है, इस वक्त देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वक्त देश चंद पूंजी पतियों के कब्जे में है।
डेढ़ सौ लोकसभा क्षेत्र चिह्नित
उन्होंने कहा कि इसलिए हम लोगों ने तय किया है कि इस संकट के खिलाफ एक दीर्घकालिक लड़ाई लड़ेंगे जो वैचारिक और राजनीतिक होगी। डॉक्टर यादव ने कहा कि कहा कि 2024 में केवल लोकसभा का चुनाव नहीं होने जा रहा। यह कई मायने में इस देश की संविधान सभा जितना महत्वपूर्ण है। इसलिए हमने तय किया है, कि लोकसभा चुनाव के लिए 150 लोकसभा क्षेत्र चिह्नित कर सवा लाख वालंटियर खड़ा करेंगे, जो खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह वालंटियर और हम सब केवल देश बचाने के यज्ञ में अपनी आहुति देंगे।
मध्य प्रदेश परिवर्तन के लिए लालायित
जाने माने राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर यादव ने मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव के संदर्भ में कहा कि मध्य प्रदेश में मैं जो देख रहा हूं वह यह है कि हर व्यक्ति अलग-अलग कारण से तंग है, दुखी है और वह कह रहा है कि बस अब इनसे मुक्ति चाहिए। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश परिवर्तन के लिए तैयार नहीं, बल्कि लालायित है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में जमीन से जुड़े जो मुद्दे हैं हम उनको उठाकर जनता को आगाह करेंगे। उनका कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले 2023 के मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के चुनाव से सत्ता परिवर्तन का दरवाजा खुलेगा।
जातीय जनगणना जरूरी
देश के चर्चित मुद्दे जातीय जनगणना के संबंध में उन्होंने कहा कि हम जातीय जनगणना का समर्थन करते हैं। जातीय जनगणना को सही स्वरूप में सामने लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना वस्तु परक आंकड़े एकत्र करने का प्रयास है। डॉक्टर यादव ने कहा की जातीय जनगणना को लेकर तमाम तरह की भ्रांति है। जबकि सच यह है की जातीय जनगणना की मांग देश की संसद में सर्व सम्मति से 2010 में हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार एक से ज्यादा बार जातीय जनगणना का वादा कर चुकी है। वर्ष 2018 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह सदन के पटल पर आश्वासन दे चुके हैं कि वह जातीय जनगणना करवाएंगे।
मणिपुर पर पीएम की चुप्पी क्यों
इजराइल और फिलीस्तीन के मुद्दे पर डॉक्टर यादव ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी का इसराइल पर तुरंत स्टेटमेंट आ जाता है। वो स्टेटमेंट भी ऐसा जो भारत की घोषित विदेश नीति के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि जैसे पूरी दुनिया इसराइल और फिलीस्तीन को देख रही है, उसी तरह मणिपुर को भी देख रही है।दुनिया भारत के प्रधानमंत्री की चुप्पी को भी देख रही है। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है, कि जितनी दिलचस्पी बाहर की चीजों के लिए है, तो वह करुणा और चिंता मणिपुर के लिए कब आएगी।
पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक दिल्ली व भारत जोड़ो अभियान के अखिल भारतीय सचिव पंकज पुष्कर, पत्रकार अनिल तिवारी, प्रोफेसर अमिताभ शुक्ल, धनंजय सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष शहडोल घनश्याम जायसवाल, श्यामबाबू जायसवाल, भूपेश भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार संतोष द्विवेदी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे। यहां यह भी बताना जरूरी है, कि डॉक्टर योगेंद्र यादव भारत जोड़ो अभियान के संबंध में शहडोल पहुंचे थे और यहां उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं, गणमान्य नागरिकों और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर चर्चा की।

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