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अनामिका विक्षिप्त महिला आश्रम कौशल्या धाम की सदस्य  कांची अब हमारे बीच नहीं रही

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १० अक्टूबर ;अभी तक;  कांची जो पिछले तीन वर्षो से अनामिका आश्रय गृह में रह रही थी और अपने हँसमुख व्यवहार की वजह से आश्रम परिवार में एक अलग ही पहचान बना ली थी,मूलतः नेपाली होने के बाद भी वह हिंदी भाषा सिख रही थी और थोड़ा समझने भी लगी थी ,कांची के परिवार को काफी खोजने का प्रयास किया गया पर सफलता नही मिल पाई,कांची को विगत तीन वर्ष पूर्व थाना कोतवाली द्वारा लावारिस हालात में प्राप्त होने पर आश्रम लाया गया था जहाँ उसे आश्रय दिया गया। आश्रम में विभिन्न प्रदेशों की महिलाएं है जिन्हें यहाँ  आश्रय दिया गया है व साथ ही लगभग 25 से 30 महिलाओं का पुनर्वास भी कराया गया । आश्रम का संचालन जनसहयोग से किया जाता है ।
                                   उपरोक्त जानकारी देते हुए अनामिका जैन ने बताया कि कांची को चेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी थी जिसके चलते  दो वर्ष पहले तत्कालीन कलेक्टर श्री गौतम सिंह जी द्वारा कांची को इंदौर के एम.वाय. हॉस्पिटल में भेजा गया था आठ माह इलाज के बाद कांची बिल्कुल स्वस्थ थी। कल दिनाँक 09/10/2023 को शाम 5 बजे अचानक तबियत बिगड़ी जिसके बाद कांची को जिला हॉस्पिटल लाया गया जहाँ  इलाज के दौरान शाम 7:30 बजे कांची ने अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कह गई।
                              आज प्रातः  अनामिका जनकल्याण सेवा समिति व समाजसेवी बाल कल्याण समिति सदस्य विश्वमोहन  अग्रवाल, सुनील कुमावत,दयाराम चौहान,जितेंद्र कुमावत,मोहित चौहान,शलभ बंसल ,भावना  कुमावत,रीना कुमावत,शानू सांवरिया, शगुन परमार ,निर्मला बाई सभी के सहयोग से व  उपस्थिति में कांची का मुक्तिधाम पर विधिवत अंतिम संस्कार किया गया।

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