विष्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में विषेष व्याख्यान, विदेषी पर्यटकों का मुख्य आकर्षक भारत की विरासत: आध्यात्म, योग एवं जीवन शैली

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १८ अप्रैल ;अभी तक;  शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मन्दसौर में आज 18 अप्रैल, 2023 को विष्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में “हेरिटेज मैनेजमेंट एण्ड सस्टेनेवल डेवलपमेंट” विषय पर विषेष व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल.एन. शर्मा ने किया।
                    महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एल.एन. शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि विरासत मानव को आत्मसम्मान और गौरव का अनुभव कराती है । हमारे पूर्वजों ने कम साधनों में अनेक उत्कृष्ट कलाकृतियां बनाई है और उन्हें सहेजना हमारी पीढ़ी की जिम्मेदारी है ।
                           इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. उषा अग्रवाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मूर्त एवं अमूर्त दो प्रकार की विरासत होती है । हमें मूर्त विरासत के साथ-साथ अमूर्त विरासत के संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि भारत की जीवन शैली, विचारधारा, समन्वयवादिता, रीति- रिवाज, त्यौहार, लोक संगीत, हस्तकला के रूप में भारत की अमूर्त विरासत भी अत्यन्त समृद्ध है । अतः शासन, प्रषासन एवं नागरिकों के द्वारा ऐसा वातावरण बनाया जाय, जिससे हमारी सांस्कृतिक विरासत पुष्पित और पल्लवित हो सके और हम अगली पीढ़ी को कुछ गर्व करने लायक विरासत दे सके । इस अवसर पर डॉ. उषा अग्रवाल द्वारा निर्मित “मन्दसौर की विरासत” पर आधारित डाक्युमेंट्री फिल्म विद्यार्थियों को दिखाई गई ।
                                विष्व विरासत दिवस के उपलक्ष्य में महाविद्यालय के इतिहास एवं पर्यटन विभाग के 50 विद्यार्थियों को यषोधर्मन की  प्रतिमा स्थल का भ्रमण कराया गया एवं विद्यार्थियों को यषोधर्मन से संबंधित जानकारी से भी अवगत कराया गया ।
इस अवसर पर इतिहास विभाग के डॉ. राजेष सकवार, डॉ. श्वेता चौहान, डॉ. षिव कुमार पाण्डेय एवं सुश्री शबनम खान सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता चौहान ने किया एवं आभार डॉ. राजेष सकवार ने माना ।