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धर्म के मार्ग पर चलकर ही भारत विश्व गुरु बनेगा – डा मोहन भागवत

मयंक  शर्मा

बुरहानपुर 16 अप्रैल अभीतक । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा मोहन भागवत ने बुरहानपुर की धर्म संस्कृति सभा में कहा है कि धर्म के मार्ग पर चलकर ही भारत विश्व गुरु बनेगा। यदि हम सब धर्म का पालन करते रहे तो आने वाले बीस.तीस साल में भारत दुनिया को नया रास्ता दिखाने वाला विश्व गुरु बन जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब सारी सृष्टि के कल्याण की भावना है। सत्य के मार्ग पर चलकर हमें  कर्तव्य निभाना होगा। भारत को महाशक्ति नहीं बनना है बल्कि दुनिया को धर्म सिखाना है।

भारत में अलग.अलग भाषाए संप्रदाय और धर्म के लोग रहते हैं। अलग.अलग होने के बावजूद हम जानते हैं कि पूरी सृष्टि एक है। इसलिए हम हिंदू हैं। हमें परस्पर एक.दूसरे का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर चलना है। शास्वत धर्म का पालन करने से सारी सृष्टि सुखी रहेगी। संघ प्रमुख ने कहा है कि संत और मुनियों की बातों का अनुसर करें। सनातन काल से वे हमें अच्छाई का मार्ग दिखाते आए हैं।

सृष्टि के कल्याण का बोझ हम सबको मिलकर उठाना होगा। उन्होंने सत्य को भी प्रिय भाषा में बोलने और छह बुराइयों कामए क्रोध मोह लोभ दंभ व सत्सर से दूर रहने की बात कही है। धर्म संस्कृति सभा का आयोजन महाराष्ट्र के अमरावती में स्थित नाथ पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी जितेंद्र नाथ ने किया था।

धर्म संस्कृति सभा में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वतीए महामंडलेश्वर हरिहरानदं महाराजए काशी के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वतीए शिवाजी महाराज के वंशज राजे मुधोजी भोंसले भी पहुंचे थे। सभा से पहले सरसंघचालक व संत समाज ताप्ती तट स्थित नाथ मंदिर पहुंचे थे। वहां स्वामी गोविंदनाथ महाराज की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और श्रीराम दरबार के दर्शन किए।

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