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मोटे अनाजों को बढ़ावा देने हेतु वनस्पति विभाग द्वारा मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस और अंतर्राष्ट्रीय बीज दिवस

महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २५ अप्रैल ;अभी तक;  राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एल.एन शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय के वनस्पति विभाग द्वारा विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस एवं अंतर्राष्ट्रीय बीज दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को विशेष व्याख्यानों के द्वारा जानकारी प्रदान की गई।
                            वनस्पतिशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेरणा मित्रा   ने अपने व्याख्यान में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी होनी चाहिए। कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, ज्योग्राफिकल इंडिकेटर्स, प्लांट वैरायटी प्रोटेक्शन, इंडस्ट्रियल डिजाइन इत्यादि के साथ ही आई.पी.आर. हमें अपने विचारों तक को संरक्षित करने का अधिकार देता है। आपने आगे बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है। मोटे अनाज सहित पौधों एवं बीजों की ऐसी कई किस्में हैं जिनके संरक्षण पर भारत सहित विश्व स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
                         वनस्पति विभाग के प्रो. व्ही. सुधाकर राव ने अपने व्याख्यान ने बताया कि बीज कृषि की नींव है एवं जैवविविधता को बनाए रखने और पौधों की प्रजातियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। अंतर्राष्ट्रीय बीज दिवस हमारे लिए बीजों के महत्व को समझने और भावी पीढ़ियों के लिए उनकी रक्षा करने का एक अवसर है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण बीज विज्ञान से संबंधित ज्ञान विद्यार्थियों में होना अति आवश्यक है ताकि वे स्वयं के कृषि कार्य के लिए इसका उपयोग कर सकें साथ ही बीजों से संबंधित व्यापार व्यवसाय की शुरुआत कर सके।
                         कार्यक्रम का संचालन डॉ. संतोष कुमार शर्मा ने किया। इस अवसर पर वनस्पति विभाग  प्रो. सुनील कुमार शर्मा, डॉ. रीना सस्तीया सहित विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

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