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पत्नि एवं सास की हत्या  करने वाले आरोपी को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

विधिक संवाददाता
सीहोर एक मई ;अभी तक; न्यांयालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश  श्री अभिलाष जैन, जिला-सीहोर द्वारा मामले में अभियुक्त  राजमल राठौर पिता कुंवर जी राठौर निवासी फ्रीगंज, बिलकिसगंज जिला सीहोर (म.प्र.) को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं  कुल 4000 रू अर्थदण्ड, से दण्डित किया गया।
                    मीडिया सेल प्रभारी  केदार सिंह कौरव द्वारा बताया गया कि फरियादी जितेन्द्र व चौधरी की बहन सुमनबाई उसे गेंहूं लेने के लिए कुछ दिनों से अपने घर बुला रही थी तो फरियादी दिनांक 05/05/20 को अपने चचेरे भाई  विनोद चौधरी के साथ सुबह के करीब 08:00 बजे अपनी बहन सुमनबाई (मृतिका) के घर फ्रीगंज बिलकिसगंज गेंहूं लेने के लिए गया तो देखा कि घर का दरवाजा बाहर से बंद था, दरवाजा खोला तो बाहर वाले रूम में उसकी बहन चटाई पर पड़ी हुई थी तथा भांजी सिया व भांजा राम पास में ही बैठे हुए थे। जब फरियादी ने बहन सुमनबाई को आवाज लगा कर जगाया तो उसकी बहन नहीं बोली, फिर भांजी सिया ने बताया कि मम्मी और नानी को रात में पापा ने मारा था जब अन्दर वाले रूम में जाकर देखा तो उसकी मां लीलाबाई खाट पर चित पड़ी थी तथा उसके बायें तरफ गर्दन पर गहरा घाव था व खाट के नीचे जमीन पर खून पडा हुआ था और उसकी मृत्यु हो चुकी थी। फिर बाहर वाले रूम मे आकर अपनी बहन सुमनबाई को पास से देखा तो सुनवाई के गर्दन पर नीला निशान था तथा सुमनबाई भी मृत पड़ी थी। रात में फरियादी के जीजा राजमल ने मेरी मां लीलाबाई और बहन सुमनबाई की हत्या कर दी। उसके बाद 100 नम्बर पर फोन लगा कर पुलिस को बुलाया तथा अपने चचेरे भाई विनोद के साथ थाने पर रिपोर्ट लेख कराई। फरियादी की उक्ता सूचना पर से थाना बिलकिसगंज में मर्ग पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई और आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में लिया तब  आरोपी द्वारा हत्याे करना स्वीकार किया था तत्तपश्चा्त शव परीक्षण और  जांच में धारा 302 भादवि का अपराध घटित होना पाया जिस पर से सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग-पत्र माननीय न्याजयालय के समक्ष प्रस्तुात किया।
                         न्या्यालय द्वारा मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य , अंतिम बहस के दौरान अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।
                      शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी श्री अनिल कुमार बादल जिला अभियोजन अधिकारी जिला सीहोर द्वारा की गई। प्रकरण का अनुसंधान उ0नि0 के0जी0 शुक्ला् द्वारा किया गया था।
                       नोट:- माननीय न्याायाधीश द्वारा प्रकरण में स्पीष्ट  टिप्प णी करते हुये यह लेख किया गया है कि मृतिका की तीन संताने है और उन संतानों की मां की हत्याे हो चुकी है, पिता को दोहरा आजीवन कारावास हुआ है ऐसी स्थिति में संतानों के भरण पोषण की जिम्मेदारी सरकार की है। माननीय न्यायाधीश द्वारा नालसा स्कीम Compensation Scheme for Women Victims/Survivors of Sexual Assault/Other Crimes-2018 के तहत संतानों के भरण पोषण हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर को मामला रेफर किया है। उक्त स्कीम के तहत न्यू नतम 5 लाख रूपयें एवं अधिकतम 10 लाख रूपये का प्रावधान है।

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