प्रदेश

18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामलों में डीएनए जांच रिपोर्ट ही मुख्य आधार रहेगी

मयंक शर्मा

खंडवा ३ मई ;अभी तक; जिले में 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म के मामलों में पाक्सो एक्ट में केस दर्ज होने के बाद अब डीएनए जांच रिपोर्ट ही मुख्य आधार रहेगी।

                                   जिला अभियोजन अधिकारी चंद्रशेखर हुक्मलवार ने बताया कि इस नई प्रकिया से पीड़िता को न्याय दिलाने में आसानी होगी। उसे त्वरित न्याय मिल सकेगा। उन्होने बताया कि अब तक पास्को एक्ट के मामले में साक्ष्य और अन्य सामग्री को एफएसएल द्वारा इंदौर जीव विज्ञान शाखा भेजा जाता था। यहां से रिपोर्ट आने में चार से पांच माह तक लग जाते थे। रिपोर्ट के आने के बाद पुलिस को पीड़िता और आरोपित का ब्लड सैंपल लेने के लिए परेशान होना पड़ता था। खासकर आरोपित के लिए अधिक परेशानी होती थी। उसे जेल से लाकर सैंपल लेना पड़ता था या जमानत पर होने से उसे तलाशना पड़ता था लेकिन अब पुलिस को परेशान  होना पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि एक मई से नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था के तहत पास्को एक्ट के मामलों में अब सीधे डीएनए टेस्ट होगी। पीड़िता और आरोपित के ब्लड सैंपल सीधे डीएनए शाखा भेजे जाएंगे।

सोमवार से ही यह व्यवस्था खंडवा के थानों में लागू कर दी गई है।  अब तक  रिपोर्ट के पाजीटिव आने के बाद ही डीएनए टेस्ट के लिए दुष्कर्म पीड़िता और आरोपित के ब्लड का सैंपल लैब भेजा जाता था लेकिन अब पुलिस को ऐसा नहीं करना पड़ेगा। इसमें एफएसएल जांच नहीं करवाई जाएगी। डीएनए जांच रिपोर्ट ही मुख्य आधार रहेगी।

 

Related Articles

Back to top button